बच्चे के लिए आश्रम में रंगरलिया – भाग ३

सभी पाठकों मेरा सेक्सी नमस्कार.. मेरा नाम विदिशा सिंह है…देसी बहु डॉट कॉम पर आपका स्वागत है.. अभी तक आपने पढ़ा के कैसे मुझे मेरी सास एक आश्रम में छोड़ गए क्योंकि मुझे बच्चा नहीं हो रहा था.. पवन ने मेरे सारे कपडे स्टरलाइज़ करने ले गया और मैं बाथरूम में नंगी खड़ी सब देख रही थी. ये कहानी देसी बहु डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.. अब आगे पढ़िए Desi Antarvasna wali Chudai kahani..

पवन के जाने के बाद, मैं चुपके से बाथरूम के बाहर आयी.. मेरे पास पहनने के लिए कोई कपडे तो थे ही नहीं… पवन ने मेरे बैग में से सारे कपडे साथ ले गया था तो, मैं नंगी, सिर्फ तौलिये में खड़ी सोच रही थी के अब क्या करू…

तभी दरवाज़े पर आवाज़ हुई.. एक लड़की या महिला की आवाज़… एक औरत, जो ३५-४० की होगी, अंदर आयी और बोली… , “विदिशा मैडम, मेरा नाम कला है, कृपया उस मेज़ पर लेट जाईये.. आपके शरीर की मालिश करनी है.. ”

मैं अवाक् उसे देखती रह गयी.. मालिश??? ये क्यों? मैं मन ही मन सोच रही थी के तभी…

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“मैडम!”, कला फिर से बोली..

मैं अपने सोच से बाहर आयी और सर हिलाते हुए, मेज़ पर लेट गयी…

कला अपने साथ कुछ बोतल और कपडे लायी थी…

उसने मेरा टॉवल हटा दिया और उसे बगल में एक कुर्सी पर रख दिया… आप ये कहानी देसी बहु डॉट कॉम पर पढ रहे है…. मैं पेट के बल लेती थी… मेरा पीठ और उभरी गांड उसके सामने थी… मुझे बहुत शर्म आ रही थी… उसके पहले कभी किसी के सामने नंगी नहीं हुई थी मैं… सिवाए मेरे पति के… पर अब, बच्चे के लिए सब कुछ कर रही थी….

कला ने मेरे पीठ पर तेल लगे और हलके हाथ से मालिश करने लगी… कुछ देर उसने मेरे पीठ की मालिश की, फिर पैरो की मालिश करने लगी..

तलवे, जांघ, सब जगह उसके हाथ मुझे सुख पहुंचा रहे थे…

फिर उसने अपना हाथ मेरी गांड पर रखा और मसलने लगी… गांड मेरी कमज़ोर कड़ी है… मैंने हलकी कराह निकाली।

“लगता है,आपके अच्छा लग रहा है… “, कला बोली, मसलते हुए…

“हम्म्म… ” मैंने सिर्फ आवाज़ निकाली.. बोलने की शक्ति जैसे ख़तम ही हो गयी थी…

कला माहिर थी.. उसकी उंगलियां सब जगह जादू कर रही थी.. आप ये कहानी देसी बहु डॉट कॉम पर पढ रहे है…. मेरी गांड, जांघ, सब मज़े से थिरक रही थीं…

उसने गांड मसलते हुए, मेरी गांड के छेद पर थोड़ा तेल लगाया और उसे मसलने लगी…

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मैं मंद-मंद कराह रही थी… मज़ा आ रहा था…

उसने मेरी गांड और छेद के मालिश करीब १५-२० मिनट तक की…

“अब पलट जाईये.. “, उसने कहा…

मैं उसकी गुलाम बन चुकी थी.. बिना देरी किये, मैं पलट गयी..

मेरे बड़े-बड़े चुचे और झांटों वाली चूत उसके सामने थी…

“आपको झांट साफ़ करना चाहिए, मैडम.. “, वो बोली… , “इससे अपके चूत में कोई इन्फेक्शन नहीं होगा और सेक्स में मज़ा भी आएगा..”

मैंने सर हिला दिया…

उसने थोड़ा पानी मेरे झांटो पर लगाया.. फिर उसने अपने बैग में से एक शेविंग क्रीम निकाली और मेरे चूत पर लगायी… उसकी उंगलियां मेरे झांटों से खेल रही थी…

कुछ देर क्रीम लगाकर उसने बैग में से एक रेजर निकाला… और शेव करने लगी…

मैंने इसके पहले कभी भी चूत को शेव नहीं किया था.. ये एक अनोखा अनुभव था मेरे लिए…

उसने ५ मिनट में मेरी चूत पर से सारे बाल साफ़ कर दिए…

“देखिये, कैसी लग रही है आपकी चूत अब… “, उसने एक छोटे से आईने में मुझे मेरी चूत दिखाए…

वो एकदम साफ़ थी… जैसे के किसी १३-१४ साल के लड़की की हो…

“अच्छी लग रही है.. “, मैंने मुस्कुरा कर कह दिया…