बच्चे के लिए आश्रम में रंगरलिया – भाग ३
मैं पेट के बल लेती थी. मेरा पीठ और उभरी गांड उसके सामने थी. मुझे बहुत शर्म आ रही थी. उसके पहले कभी किसी के सामने नंगी नहीं हुई थी मैं. सिवाए मेरे पति के. पर अब, बच्चे के लिए सब कुछ कर रही थी.. कला ने मेरे पीठ पर तेल लगे और हलके हाथ से मालिश करने लगी… कुछ देर उसने मेरे पीठ की मालिश की, फिर पैरो की मालिश करने लगी..