बच्चे के लिए आश्रम में रंगरलिया – भाग ३

मैं पेट के बल लेती थी. मेरा पीठ और उभरी गांड उसके सामने थी. मुझे बहुत शर्म आ रही थी. उसके पहले कभी किसी के सामने नंगी नहीं हुई थी मैं. सिवाए मेरे पति के. पर अब, बच्चे के लिए सब कुछ कर रही थी.. कला ने मेरे पीठ पर तेल लगे और हलके हाथ से मालिश करने लगी… कुछ देर उसने मेरे पीठ की मालिश की, फिर पैरो की मालिश करने लगी..

बच्चे के लिए आश्रम में रंगरलिया – भाग ४

सभी पाठकों मेरा सेक्सी नमस्कार.. मेरा नाम विदिशा सिंह है…देसी बहु डॉट कॉम पर आपका स्वागत है.. अभी तक आपने पढ़ा के कैसे मुझे मेरी सास एक आश्रम में छोड़ गए क्योंकि मुझे बच्चा नहीं हो रहा था.. पिछले भाग में आपने पढ़ा के कैसे … Read more