हैल्लो दोस्तों.. में आपकी दोस्त भूमिका देसी बहु डॉट कॉम पर हाज़िर हूँ मेरे अपने सेक्स अनुभव के साथ। खूबसूरत मोटी गांड और मस्त लंड कभी ज़्यादा देर तक अलग नहीं रह सकते और ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ। दोस्तों में अपने बारे में बता दूँ कि में 19 साल की हूँ और में दिल्ली की रहने वाली एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ। मेरा फिगर 35-27-37 है और हाईट 4.8 इंच है, मेरा वजन 62 किलो, काली आँखें, काले बाल और बड़ी बड़ी आँखें सुंदर सी नाक जो कि मेरा एक अच्छा भविष्य है और पतले.. लेकिन सुंदर होंठ लम्बे, काले घने बाल, मेरा कलर बहुत गोरा है। hindisex
तो बात तब की है जब में कॉलेज के पहले साल में थी और छुट्टियाँ ख़त्म होने पर घर से होस्टल दुखी मन से वापस जा रही थी।
मेरी फेमिली मुझे ड्रॉप करने बस स्टॅंड तक आई थी और पापा मेरे लिए वोल्वो बस में सीट बुक करवा रहे थे। तो में मम्मी और दीदी से बातें कर रही थी।
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में : मम्मा.. आपकी मुझे बहुत याद आएगी।
मम्मा : ओह मेरा बच्चा.. दो दिन और रुक जाती.. बड़े दिन बाद तो आई थी।
दीदी : मेडम सारा टाईम यहीं पर रुक जाओगी तो पढ़ाई कौन करेगा?
में : हाँ दीदी आप तो मुझे प्यार करती ही नहीं.. बस मुझे जल्दी से भागना चाहती हो ताकि माँ का सारा प्यार तुम्हे ही मिले।
दीदी : हाँ यही बात है में तुझसे प्यार नहीं करती मेरी प्यारी गुड़िया और उन्होंने मेरे गाल पकड़ कर चुटकी काटी।
माँ : स्वीटी मत कर उसे लग रही होगी।
में : आऊच दीदी बस मुझे पता है तुम मुझे बहुत प्यार करती हो और में भी आप से बहुत प्यार करती हूँ।
पापा : लो बेटा तुम्हारा टिकट.. अब जल्दी करो बस जाने वाली है और मुझे एक प्यारी सी झप्पी दे दो।
तो इसी खुशी के माहौल में बस में चडी और अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी जो कि बिल्कुल आखरी सीट थी और सारी बस फुल थी..
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लेकिन आखरी की सीट पर कुछ गिरा हुआ था जिससे वो गंदी हो गयी थी.. लेकिन वहाँ पर दो लोग बैठ सकते थे।
मुझे जाते हुए अच्छा नहीं लग रहा था और में बहुत दुखी होकर मुहं लटकाए हुए फोन पर गाने सुनने लगी..
मैंने ढीली काली टॉप और सफेद टाईट जीन्स पहनी थी और बाल हल्के हल्के खुले हुए थे।
फिर करीब 10 मिनट बाद बस एक जगह रुकी और कोई 50 साल की उम्र के एक अंकल बस में चड़े।
फिर उन्होंने इधर उधर देखा और मुझे देखते ही मेरी तरफ आने लगे।
तो मैंने एकदम से आँखें घुमा ली कि वो कहीं और बैठ जाए.. लेकिन वो मेरी साईड में आकर बैठ गये।
अंकल : हैल्लो यंग लेडी आप कहाँ तक जा रही हैं?
में : अंकल जी में दिल्ली तक जा रही हूँ।
अंकल : में अतुल मुझे आप से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई।
में : मेरा नाम भूमिका है और मुझे भी आप से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई।
अंकल : मैंने आपको डिस्टर्ब तो नहीं किया भूमिका?
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में : ओह.. ऐसा कुछ नहीं.. सब ठीक है.. वैसे भी में बोर ही हो रही थी।
अंकल : तुम तो दिखने में बहुत समझदार लग रही हो.. तुम्हे देखकर लगता नहीं कि तुम बोर हो। अच्छा में बता दूँ कि तुम एक स्टूडेंट हो और वापस होस्टल जा रही हो।
में : अरे आपको कैसे पता?
अंकल : अच्छा तुम जवान हो तो स्टूडेंट के अलावा कुछ और नहीं हो सकती और तुम्हारा साफ सुथरा भारी बैग देखकर लगा कि तुम वापस जा रही हो।
में : वाउ.. में आपकी बातों से बहुत चकित हुई अंकल।
फिर अंकल ने मज़ाक में आँख मारी और कहा कि क्या सच में? तो में शरमा गयी और कहा कि हाँ एक तरीके से।
अंकल बहुत अच्छे स्वभाव के थे और थोड़ी ही देर में मेरी मायूसी की जगह मजे ने ले ली।
फिर अंकल के साथ बात करते हुए बहुत अच्छा लग रहा था और चाहे वो कोई भी बात हो.. वो बड़े मज़े से उसके बारे में बात कर रहे थे।
तो मैंने ध्यान दिया कि अंकल छोटी हाईट के थे और उनके सर के ऊपर बाल नहीं थे.. लेकिन फिर भी उनका चेहरा बहुत सेक्सी था और वो बहुत हेंडसम थे।
शायद अंकल को पता चल गया था कि में उनकी बातों पर ध्यान दे रही थी।
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अंकल : आप कहीं खो गयी भूमिका?
में : नहीं कुछ नहीं आप दिखने में बहुत अच्छे लगते हो।
अंकल : ओह शुक्रिया.. लेकिन आप भी किसी परी से कम नहीं।
अंकल : आप कहीं मज़ाक तो नहीं कर रही हो ना?
में : नहीं सच में।